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अगले 30 वर्षों में रोबोट करेगा हर इंसानी काम



वाशिंगटन: कृत्रिम बुद्धिमता में दिन-प्रतिदिन हो रहे विकास के कारण अगले 30 वर्षों में रोबोट लगभग वो सारे काम करने में सक्षम होगा जो इंसान करता है और विशेषज्ञों ने चेताया है कि यह दुनिया की आधी से अधिक आबादी के रोजगार के लिए खतरे की बात है.
अमेरिका स्थित राइस विश्वविद्यालय में कंप्यूटर वैज्ञानिक मोशे वर्दी ने उम्मीद जतायी है कि 30 वर्षों के भीतर मशीन और कंप्यूटर लगभग वो सारे काम करने में सक्षम होंगे जो इंसान करता है.
उन्होंने कहा “हम लोग ऐसे समय में हैं जब मशीन इंसानों लोगों को लगभग हर क्षेत्र में मात देने में सक्षम होंगे.” वर्दी ने साथ ही कहा “क्या वैश्विक अर्थव्यवस्था 50 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी का सामना कर पायेगी? क्या जो नौकरी से बाहर होंगे, वे अच्छी जिंदगी जी सकेंगे?”

पाकिस्तान के राष्ट्रपति का फरमान 'वैलेंटाइन डे न मनायें मुसलमान'



पाकिस्तान: पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने वैलेंटाइन डे को 'इस्लाम विरोधी' बताया है और देश की जनता से इसे न मनाने का आग्रह किया है.
ममनून हुसैन ने कहा कि यह मुस्लिम परंपरा का हिस्सा नहीं, बल्कि वेस्टर्न कल्चर का हिस्सा है.
हुसैन ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "वैलेंटाइन डे का हमारी संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है और इससे बचना चाहिए."
ममनून हुसैन ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति की खामियों ने हमारे पड़ोसी देशों को प्रभावित किया है.
आपको बता दें कि गुरुवार को पेशावर और कोहट में स्थानीय परिषद निकायों ने रविवार को वैलेंटाइंस डे मनाने पर रोक लगा दी है.
वहीं कराची में कुछ लोग वैलेंटाइंस डे का कुछ इस अंदाज में विरोध करते नजर आएं.

खैर जो भी हो लेकिन प्यार के इस त्योहार पर राष्ट्रपति द्वारा की गई इस अपील का कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं.। 

भारत के विरोध के बाबजूद अमेरिका पाकिस्तान को बेचेगा एफ 16 विमान


वाशिंगटन: भारत के सख्त विरोध से सहमत नहीं होते हुए ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान को आठ F16 लड़ाकू विमान बेचे जाने के अपने कदम को उचित ठहराया है. अमेरिका ने दावा किया कि ये पाक के आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए बहुत जरूरी हैं.
विदेश विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हम पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी और चरमपंथ रोधी अभियान में सहायता देने के लिए आठ एफ..16 विमान बेचे जाने के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. पाकिस्तान के मौजूदा एफ 16 लड़ाकू विमान इन अभियानों की सफलता में अब तक कारगर साबित हुए हैं.’’ भारत की ओर से सख्त ऐतराज जताए जाने पर वह जवाब दे रहे हैं. भारत ने कहा है कि वह ओबामा प्रशासन द्वारा पेश किए गए तर्क से असहमत है.
इससे पहले दिन में विदेश सचिव एस जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को नयी दिल्ली में तलब किया ताकि अमेरिकी फैसले पर उन्हें भारत की परेशानी से अवगत कराया जा सके.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि हम एफ 16 विमान पाकिस्तान को बेचे जाने की अधिसूचना के बारे में ओबामा प्रशासन के फैसले से हताश हैं. हम उनके इस तर्क सहमत नहीं हैं कि ऐसे हथियारों के हस्तांतरण से आतंकवाद से लड़ने में मदद मिलेगी. इस सिलसिले में पिछले कई साल के रिकार्ड खुद ब खुद बोलते हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग ने 70 करोड़ डॉलर में आठ एफ 16 विमान पाकिस्तान को बेचे जाने संबंधी 11 फरवरी को इस फैसले को अधिसूचित किया था.
सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब क्रूकर ने पहले ही पाकिस्तान को इसे बेचे जाने को रोके जाने के कदम को बाधित करने की प्रतिबद्धता जतायी थी
अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के आतंक रोधी और चरमपंथ रोधी अभियानों का समर्थन करने के लिए एफ 16 सही मंच है. ओबामा प्रशासन का फैसला ऐसे वक्त आया है जब भारत पठानकोट आतंकी हमला और मुबई हमला को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जोर दे रहा है.
अपने बयान में मुंबई हमलों के दोषी डेविड कोलमैन हेडली ने अमेरिका से वीडियो लिंक के जरिए मुंबई की एक अदालत को बयान दिया है कि लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद को धन, सैन्य मदद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिली थी.

इराक में आईएस का कहर ,उतारा 300 लोगों को मौत के घाट


बगदाद: इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चरमपंथी आतंकवादियों ने उत्तरी इराक में आतंक का कहर बरपा रखा है ये आतंकी पिछले कुछ दिनों से मोसुल शहर के 300 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं . यह जानकारी एक कुर्द सुरक्षा सूत्र से मिली है. गौरतलब है कि मोसुल शहर आईएस लड़ाकों के कब्जे में है. 
आईएस के कब्जे से मोसूल को मुक्त कराने के लिए बने हशद वत्तानी या राष्ट्रीय जुटान नाम के संगठन के प्रवक्ता महमूद सूरूची ने कहा, “जिन लोगों को मौत की सजा दी गई, उनमें पूर्व पुलिस, पूर्व सैनिक और नागरिक कार्यकर्ता शामिल हैं. उन्हें दाइश (आईएस) ने इराकी सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने को लेकर मार डाला.” हालांकि यह सजा कहां पर दी गई, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया.
सूरूची ने कहा, “आईएस द्वारा की गई इस सामूहिक हत्या से यह साबित होता है कि उन्हें सबसे ज्यादा खतरा मोसुल के नागरिकों से है, जो समूह के कट्टरवादी इस्लाम के खिलाफ हैं.”
मोसुल इराक की राजधानी बगदाद से 400 किलोमीटर उत्तर में है और निनेवेह प्रांत की राजधानी है. इस शहर पर जून 2014 से ही आईएस का कब्जा है, जब यहां से इराकी सरकार की सेनाएं अपने हथियार और अन्य सामान छोड़कर भाग गई थीं.

डेली टाइम्स का दाबा पाकिस्तान है 'मीडियाकर्मियों के लिए दुनिया की सबसे खतरनाक जगह '


इस्लामाबाद: पाकिस्तानी अखबार ‘डेली टाइम्स’ का कहना है कि पाकिस्तान पत्रकारों की लगातार बढ़ती हत्याओं के लिए बदनाम है और इसे मीडियाकर्मियों के लिए दुनिया की सबसे खतरनाक जगह माना जाने लगा है.
डेली टाइम्स में ‘मीडिया अंडर सीज’ शीर्षक के संपादकीय में लिखा गया है कि लाहौर में एक टेलीविजन चैनल के दफ्तर पर अज्ञात सशस्त्र हमलावरों के हमले ने पत्रकारों के बीच घबराहट और बढ़ा दी है जो कि पहले से ही आतंकियों की लगातार धमकियों के साए में काम कर रहे हैं.
चैनल पर हमला करने वालों के बारे में पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं हासिल कर सकी है.
अखबार ने लिखा है, “लाहौर, फैसलाबाद और कराची में मीडिया के दफ्तरों और लोगों पर ऐसे ही हमले बता रहे हैं कि ऐसी वारदात अब आम होती जा रही हैं और इनका साफ मकसद मीडिया की आजादी को बाधित करना है.”
संपादकीय में लिखा गया है, “यह मुख्यधारा के मीडिया की घेरेबंदी के व्यापक एजेंडे का हिस्सा लगता है. पत्रकार समुदाय और राजनैतिक नेताओं ने हमले की निंदा की है और इसे करने वालों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.”
अखबार का कहना है कि पाकिस्तान में पत्रकारिता हमेशा से एक चुनौती भरा पेशा रहा है. संपादकीय में कहा गया है, “आजकल मीडिया घराने आतंकी हमलों के निशाने पर हैं. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पत्रकारों को कार्यस्थल के अंदर और बाहर सुरक्षा मुहैया कराए.”
अखबार ने कहा है कि सरकार के अलावा मीडिया घरानों के प्रबंधन को भी सुरक्षा की दृष्टि से कदम उठाने होंगे. मीडिया दफ्तरों और पत्रकारों की सुरक्षा का सबसे बेहतर तरीका मीडिया प्रबंधकों और सरकारी अधिकारियों का समन्वित प्रयास ही हो सकता है.
अखबार ने लिखा है कि भय के माहौल में मीडिया को अपने उस काम को निभा पाना मुश्किल होगा जिसका किया जाना आतंकियों की बातों को गलत साबित करने के लिए बहुत जरूरी है.

ताइवान में भूकंप, मलबे से निकाले गए 113 शव


ताइपे: बचावकर्ताओं ने ताइवान के सबसे पुराने शहर तैनान में शक्तिशाली भूकंप आने के बाद एक हफ्ते में मलबे से 113 शव निकाले हैं. इसके साथ अब एक 17 मंजिला रिहाइशी परिसर के ढहने के बाद से लापता चार लोगों का पता नहीं चला है.
अधिकारियों ने आज बताया कि वेइगुआन गोल्डन ड्रैगन परिसर के मलबे से दो को छोड़कर बाकी सभी लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. परिसर पिछले हफ्ते चंद्र नववर्ष की छुट्टी के दौरान आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण परिसर ढह गया था. इमारत में मौजूद कुल 327 लोग बच गए.
ताइवान के गृह मंत्री के अनुसार बचावकर्मियों ने कल और आज सुबह काफी शव बाहर निकाले. चार लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.
अधिकारियों ने इमारत के डेवलपर और दो वास्तुकारों को लापरवाही के कारण मौत के संदेह में और दूसरे आरोपों को लेकर इस हफ्ते हिरासत में ले लिया.