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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया की मां ने कहा है, “कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी मत कहिए.” बिहार के बेगुसराय जिले में पड़ोसी के घर पर टीवी समाचार देखकर वह रो पड़ीं.
उसकी मां मीना देवी ने बिहार से पीटीआई भाषा को फोन पर बताया, “हमें जब से पता चला है कि कन्हैया को गिरफ्तार कर लिया गया है, तब से हम लगातार टीवी देख रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि पुलिस उसे बहुत ज्यादा नहीं पीटेगी. उसने कभी भी अपने माता पिता का अपमान नहीं किया, देश की बात तो भूल ही जाइए. कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी नहीं बोलिए. वह यह नहीं हो सकता है.”
मीना एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और साढ़े तीन हजार रूपये प्रति माह कमाती हैं. उन्होंने कहा कि वह और उनका बड़ा बेटा मणिकांत ही घर में कमाने वाले हैं क्योंकि उनके 65 वर्षीय पति लकवाग्रस्त होने की वजह से सात वर्षों से बिस्तर पर हैं.
कन्हैया के किसान पिता जयशंकर सिंह ने कहा कि उनके बेटे को हिन्दुत्व राजनीति का विरोध करने के कारण मामले में फंसाया जा रहा है.
आपको बता दें कि कन्हैया के माता-पिता बिहार के बेगूसराय जिले के मसलानपुर गांव में रहते हैं. यह जिला वामपंथी राजनीति का गढ़ माना जाता है.
उन्होंने कहा, “मेरा बेटा भाजपा सरकार के खिलाफ कई अभियानों का हिस्सा रहा है, चाहे फैलोशिप हो या हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र की आत्महत्या का मामला. उसे हिन्दुत्व राजनीति का विरोध करने की सजा दी जा रही है.”
सिंह कहा, “कन्हैया कभी भी राष्ट्र विरोधी नहीं हो सकता है. उसके राष्ट्र विरोधी विचारधारा का अनुसरण करने का कोई सवाल ही नहीं है. वह अपने उम्र के हजारों युवाओं की तरह ही राष्ट्रवादी है. वह ‘भारत माता’ का अपमान नहीं कर सकता है. कन्हैया के अन्य भाई प्रिंस ने उसकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित बताते हुए आरोप लगाया कि यह चिंतनीय है कि रष्ट्र विरोधी ताकतें जिनकी स्वाधीनता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थीं, वह आज मेरे भाई और उसके विश्वविद्यालय को राष्ट्र विरोधी बता रहे हैं. यह मुद्दा सिर्फ कन्हैया के बारे में नहीं है, बल्कि उससे काफी बड़ा है.

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