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इस्लामाबाद: पाकिस्तानी अखबार ‘डेली टाइम्स’ का कहना है कि पाकिस्तान पत्रकारों की लगातार बढ़ती हत्याओं के लिए बदनाम है और इसे मीडियाकर्मियों के लिए दुनिया की सबसे खतरनाक जगह माना जाने लगा है.
डेली टाइम्स में ‘मीडिया अंडर सीज’ शीर्षक के संपादकीय में लिखा गया है कि लाहौर में एक टेलीविजन चैनल के दफ्तर पर अज्ञात सशस्त्र हमलावरों के हमले ने पत्रकारों के बीच घबराहट और बढ़ा दी है जो कि पहले से ही आतंकियों की लगातार धमकियों के साए में काम कर रहे हैं.
चैनल पर हमला करने वालों के बारे में पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं हासिल कर सकी है.
अखबार ने लिखा है, “लाहौर, फैसलाबाद और कराची में मीडिया के दफ्तरों और लोगों पर ऐसे ही हमले बता रहे हैं कि ऐसी वारदात अब आम होती जा रही हैं और इनका साफ मकसद मीडिया की आजादी को बाधित करना है.”
संपादकीय में लिखा गया है, “यह मुख्यधारा के मीडिया की घेरेबंदी के व्यापक एजेंडे का हिस्सा लगता है. पत्रकार समुदाय और राजनैतिक नेताओं ने हमले की निंदा की है और इसे करने वालों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.”
अखबार का कहना है कि पाकिस्तान में पत्रकारिता हमेशा से एक चुनौती भरा पेशा रहा है. संपादकीय में कहा गया है, “आजकल मीडिया घराने आतंकी हमलों के निशाने पर हैं. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पत्रकारों को कार्यस्थल के अंदर और बाहर सुरक्षा मुहैया कराए.”
अखबार ने कहा है कि सरकार के अलावा मीडिया घरानों के प्रबंधन को भी सुरक्षा की दृष्टि से कदम उठाने होंगे. मीडिया दफ्तरों और पत्रकारों की सुरक्षा का सबसे बेहतर तरीका मीडिया प्रबंधकों और सरकारी अधिकारियों का समन्वित प्रयास ही हो सकता है.
अखबार ने लिखा है कि भय के माहौल में मीडिया को अपने उस काम को निभा पाना मुश्किल होगा जिसका किया जाना आतंकियों की बातों को गलत साबित करने के लिए बहुत जरूरी है.

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