नई दिल्ली: जेएनयू में देशद्रोह विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. देशद्रोह के नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया की रिहाई की मांग हो रही है. लेफ्ट नेता गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले. राजनाथ सिंह ने कहा है कि दोषियों को नहीं बख्शेंगे और निर्दोष नहीं फंसेंगे. इन सबके बीच सवाल बना हुआ है कि क्या जेएऩयू देशद्रोहियों का अड्डा बन गया है.
इस विवाद में अब सेना के वे पूर्व अफसर भी कूद पड़े हैं जिन्हें नेशनल डिफेंस अकेडमी यानी एनडीए में रहते हुए जेएनयू से ग्रेजुएशन की डिग्री मिली थी. अब 1978 में पास हुए एनडीए के 54वें बैच के अफसरों ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि हाल ही में जेएनयू में छात्र अफजल गुरु दिवस मनाने जैसी देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं. ऐसी घटनाएं हमारे जैसे डिग्रीधारक के बलिदान को कम आंकना है. अभी जेएनयू देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बन गया है. अगर आगे भी ऐसा होता रहा तो हम अपनी डिग्री लौटा देंगे.
9 फरवरी के देश के प्रतिष्ठित संस्थान जेएनयू में लगे इन देश विरोधी नारों पर अब सियासत गरमा गई है. देशविरोधी नारों पर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसकी रिहाई की मांग के लिए गृह मंत्री से लेफ्ट के नेता जाकर मिले. लेफ्ट से जुड़े सीपीआई के छात्रसंगठन aisf से कन्हैया जेएनयू छात्रसंघ का अध्यक्ष चुना गया है.
राजनाथ सिंह ने भी दो टूक कहा है कि जो निर्दोष हैं उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए लेकिन जो लोग पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत की बर्बादी के नारे लगा रहे हैं उनके खिलाफ तो कार्रवाई होगी.
जेएनयू विवाद में आज वाम नेता डी राजा की बेटी का नाम भी उछला. बीजेपी के सांसद महेश गिरि ने वीडियो जारी करके दावा किया है कि देशविरोधी नारे जिस कार्यक्रम में लगे उसमें सीपीआई नेता डी राजा की बेटी अपराजिता भी मौजूद थी.
इस बीच दिल्ली पुलिस ने फुटेज देखकर जिन छात्रों की पहचान हुई है उसके बारे में जेएनयू वीसी से चिट्ठी लिखकर जानकारी मांगी है. इन छह छात्रों में छात्र संघ का अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार हो चुका है जबकि उमर खालिद, आशुतोष कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, रामा नागा और अनंत प्रकाश को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है.
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